राफेल डील पर चिदंबरम ने केंद्र को लिया आड़े हाथ, पूछा- कैसे तीन गुना बढ़ी कीमतें

पी चिदंबरम
राफेल एक ऐसा मुद्दा बन गया है जिसे कि कांग्रेस किसी भी हाल में छोड़ना नहीं चाहती है। पार्टी का इरादा इसे अगले साल होने वाले चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर पेश करना है। इसी वजह से कांग्रेस के कई नेता इस सौदे को लेकर गाहे-बगाहे अपनी प्रतिक्रिया देते रहते हैं। अब इस कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का नाम भी जुड़ गया है।
राफेल लड़ाकू विमान मुद्दे पर सरकार पर हमले तेज करते हुए चिदंबरम ने आज केंद्र पर इसका सौदा करने के लिए रक्षा खरीद प्रक्रिया और कई समितियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस सौदे पर हस्ताक्षर करने से पहले सरकार ने सुरक्षा पर मंत्रिमंडल की समिति को भरोसे में नहीं लिया।
उन्होंने कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘राफेल सौदे में रक्षा खरीद प्रक्रिया को क्यों नजरअंदाज किया गया और अनुबंध वार्ता समिति तथा मूल्य वार्ता समिति को अंधेरे में क्यों रखा गया? सुरक्षा पर मंत्रिमंडल की समिति को भी भरोसे में नहीं लिया गया। हमें लगता है कि यह मामला बहुत गंभीर है और इपर सार्वजनिक तौर पर चर्चा होने के साथ ही विस्तृत जांच होनी चाहिए। इसी वजह से कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी इसे उठा रही है।’
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने यह भी दावा किया कि संप्रग सरकार द्वारा तय की गई हर विमान की कीमत और अब राजग सरकार जिस कीमत पर राजी हुई है, उसमें बड़ा अंतर है। चिदंबरम ने पूछा, ‘संप्रग ने हर राफेल विमान की कीमत 526 करोड़ रुपये तय की और राजग के समझौते में एक विमान की कीमत 1,670 करोड़ रुपये तय की गई। अगर यह आकड़ा सही है तो क्या कोई बताएगा कि कीमतें तीन गुनी कैसे बढ़ गई?’
बता दें कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में इस मामले को उठाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर देश से झूठ कहने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर 60 हजार 45 करोड़ की राफेल डील को कल्चर ऑफ क्रोनी कैपेटेलिज्म (3सी) यानी मोदी सरकार का डीएनए बताया है। कांग्रेस ने कहा कि एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलना मोदी सरकार का चाल, चेहरा और चरित्र बन गया है।
उन्होंने कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘राफेल सौदे में रक्षा खरीद प्रक्रिया को क्यों नजरअंदाज किया गया और अनुबंध वार्ता समिति तथा मूल्य वार्ता समिति को अंधेरे में क्यों रखा गया? सुरक्षा पर मंत्रिमंडल की समिति को भी भरोसे में नहीं लिया गया। हमें लगता है कि यह मामला बहुत गंभीर है और इपर सार्वजनिक तौर पर चर्चा होने के साथ ही विस्तृत जांच होनी चाहिए। इसी वजह से कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी इसे उठा रही है।’
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने यह भी दावा किया कि संप्रग सरकार द्वारा तय की गई हर विमान की कीमत और अब राजग सरकार जिस कीमत पर राजी हुई है, उसमें बड़ा अंतर है। चिदंबरम ने पूछा, ‘संप्रग ने हर राफेल विमान की कीमत 526 करोड़ रुपये तय की और राजग के समझौते में एक विमान की कीमत 1,670 करोड़ रुपये तय की गई। अगर यह आकड़ा सही है तो क्या कोई बताएगा कि कीमतें तीन गुनी कैसे बढ़ गई?’
बता दें कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में इस मामले को उठाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर देश से झूठ कहने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर 60 हजार 45 करोड़ की राफेल डील को कल्चर ऑफ क्रोनी कैपेटेलिज्म (3सी) यानी मोदी सरकार का डीएनए बताया है। कांग्रेस ने कहा कि एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलना मोदी सरकार का चाल, चेहरा और चरित्र बन गया है।
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