राम रहीम को एक और झटका, पंचकूला सीबीआई कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

राम रहीम - फोटो : फाइल फोटो
साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में आरोपी गुरमीत राम रहीम की जमानत की अर्जी को अदालत ने खारिज कर दिया। इस मामले में एक अन्य आरोपी डॉ. पंकज गर्ग की ओर से विदेश जाने के लिए दी गई अर्जी को अदालत ने मंजूर करते हुए 10 दिनों के लिए इजाजत दे दी है। लेकिन इससे पहले डॉ. गर्ग को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
डेरा सच्चा सौदा में 400 साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में आरोपी गुरमीत राम रहीम ने मंगलवार को जमानत की अर्जी दी थी, जिस पर गुरूवार को विशेष सीबीआई अदालत में फैसला सुनाया गया।
सिंगल बेंच की फाइडिंग के आधार पर नहीं मेरिट पर हो ट्रायल पूरा: हाईकोर्ट
डेरा सच्चा सौदा में साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले की सीबीआई जांच के सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मेरिट के आधार पर पूरा करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ट्रायल में सिंगल बेंच की फाइडिंग को आधार बिल्कुल नहीं बनाया जाए। जस्टिस सूर्यकांत एवं जस्टिस सुदीप आहलुवालिया की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सीबीआई ने हाईकोर्ट को बताया कि केस का ट्रायल अब अंतिम चरण में है। ऐसे में इस अपील को खारिज किया जाना चाहिए।
इस केस में गुरूवार को ही चालान पेश किया गया है। इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने कहा कि चालान पेश किया जा चुका है और ऐसे में अब इस अपील पर आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है। लिहाजा ट्रायल कोर्ट को मेरिट के आधार पर केस का ट्रायल पूरा करने के हाईकोर्ट ने आदेश दे दिए। सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दाखिल करते हुए एक साधु हंसराज चौहान ने कहा था कि डेरे में साधुओं को ईश्वर से मिलाने के नाम पर नपुंसक बनाया जा रहा है।
शिकायतकर्ता का आरोप था कि उसे वर्ष 2000 में डेरे में ही नपुंसक बनाया गया था। डेरे के 400 से अधिक साधुओं को नपुंसक बनाया गया है। इस मामले में सिंगल बेंच ने वर्ष 2015 में जांच सीबीआई को सौंप दी थी। डेरा मुखी ने वर्ष 2015 में डबल बेंच में अपील दायर कर सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती दे दी थी। याची ने कहा कि शिकायतकर्ता के अनुसार उसे वर्ष 2000 में नपुंसक बनाया गया तो वह 12 वर्षों तक चुप क्यों बैठा रहा। सिंगल बेंच ने भी अपने क्षेत्राधिकार के बाहर जा कर इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
सिंगल बेंच की फाइडिंग के आधार पर नहीं मेरिट पर हो ट्रायल पूरा: हाईकोर्ट
डेरा सच्चा सौदा में साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले की सीबीआई जांच के सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मेरिट के आधार पर पूरा करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ट्रायल में सिंगल बेंच की फाइडिंग को आधार बिल्कुल नहीं बनाया जाए। जस्टिस सूर्यकांत एवं जस्टिस सुदीप आहलुवालिया की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सीबीआई ने हाईकोर्ट को बताया कि केस का ट्रायल अब अंतिम चरण में है। ऐसे में इस अपील को खारिज किया जाना चाहिए।
इस केस में गुरूवार को ही चालान पेश किया गया है। इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने कहा कि चालान पेश किया जा चुका है और ऐसे में अब इस अपील पर आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है। लिहाजा ट्रायल कोर्ट को मेरिट के आधार पर केस का ट्रायल पूरा करने के हाईकोर्ट ने आदेश दे दिए। सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दाखिल करते हुए एक साधु हंसराज चौहान ने कहा था कि डेरे में साधुओं को ईश्वर से मिलाने के नाम पर नपुंसक बनाया जा रहा है।
शिकायतकर्ता का आरोप था कि उसे वर्ष 2000 में डेरे में ही नपुंसक बनाया गया था। डेरे के 400 से अधिक साधुओं को नपुंसक बनाया गया है। इस मामले में सिंगल बेंच ने वर्ष 2015 में जांच सीबीआई को सौंप दी थी। डेरा मुखी ने वर्ष 2015 में डबल बेंच में अपील दायर कर सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती दे दी थी। याची ने कहा कि शिकायतकर्ता के अनुसार उसे वर्ष 2000 में नपुंसक बनाया गया तो वह 12 वर्षों तक चुप क्यों बैठा रहा। सिंगल बेंच ने भी अपने क्षेत्राधिकार के बाहर जा कर इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
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